केरल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में बारिश ने कहर बरपाया है. वायनाड में हुईं भूस्खलन की घटनाओं में अभी तक 254 लोगों की मौत हो चुकी है. हिमाचल प्रदेश में 3 जगह बादल फटा है. उत्तराखंड में बारिश के कहर ने 14 लोगों की सांसें छीन ली हैं.
बारिश से देश के कई राज्यों में हालात चिंताजनक हैं. केरल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में ये बारिश जानलेवा साबित हुई है. बारिश के बाद केरल के वायनाड में हुईं भूस्खलन की घटनाओं में अभी तक 254 लोगों की मौत हो चुकी है. सैकड़ों लोग लापता हैं. उत्तराखंड में 14 लोगों की मौत हो गई है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में लगातार बारिश से हालात खराब हैं. देशभर में भले ही मानसून आफत बन चुका है लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दो से तीन दिन बाद इसमें सुधार देखने को मिल सकता है.
केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन ने ऐसी तबाही मचाई है कि शवों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भीसिहर उठे हैं. एक महिला डॉक्टर ने दिल दहला देने वाला मंजर बयां किया है. उन्होंने बताया कि हमारे सामने यह ऐसा मंजर था, जिसे शायद ही जीवन में कभी भूल पाउंगी.
हिमाचल प्रदेश में 3 जगह कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटा है. इसके बाद से 36 लोग लापता हैं. बारिश के चलते मनिकरण भूंतर मार्ग पर सब्जी मंडी में एक इमारत भरभराकर गिर गई. यहां बादल फटने के बाद से स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है.
उत्तराखंड में भी बारिश कहर बरपा रही है. भारी बारिश से 14 लोगों की मौत हो गई है. केदारनाथ यात्रा रोक दी गई है. बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे भारी बारिश से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया. केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे 1500 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
ऋषिकेश में गंगा नदी भारी बारिश के चलते उफान पर है. नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है. स्थानीय प्रशासन नदी के पास रहने वाले लोगों और पर्यटकों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है. गढ़वाल मंडल के पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम विभाग के ऑरेंज और रेड अलर्ट के बाद लगातार बारिश हो रही है. गंगा की सहायक नदियां भी उफान पर हैं.
पिछले 24 घंटे में देहरादून में 172 मिमी बारिश दर्ज की गई है. हरिद्वार के रोशनाबाद में 210 मिमी, रायवाला में 163 मिमी, हल्द्वानी में 140 मिमी, हरिद्वार में 140 मिमी, नरेंद्र नगर में 107 मिमी, रूड़की में 112 मिमी, धनोल्टी में 98 मिमी, चकराता में 92 मिमी और नैनीताल में 89 मिमी बारिश दर्ज की गई है.
हिमाचल प्रदेश के मंडी में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है. यहां 3 मकान बह गए हैं. अब तक 2 शव बरामद हुए हैं. एनडीआरएफ की टीम बचाव और राहत कार्य कर रही है. मंडी के थलटूखोड़ के पास राजमण गांव में बादल फटा है. इसके अलावा कुल्लू और शिमला में भी बादल फटने से नुकसान हुआ है. 36 लोग लापता हैं.
चंबा जिले में भारी बारिश के बाद कई इलाकों में सड़कों पर मलबा आने से यातायात बंद हो गया है. शक्तिपीठ माता भलई मंदिर परिसर के ऊपर बनी दुकानों में मलबा भर गया है. प्रशासन सड़क से मलबा हटाने में जुटा हुआ है. चंबा में हर जगह तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. चुराह विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग क्षेत्र में बीती रात को भारी मात्रा में बारिश हुई है, जिस कारण कई संपर्क मार्ग और मुख्य मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गए हैं.
चुराह विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले राजनगर में बीती रात को हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी. सुबह यहां की सड़कों पर मलबा ही मलबा देखने को मिला. राजनगर क्षेत्र में सड़क पूरी तरह से बंद हो चुकी है.
मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में भी लगातार बारिश से नर्मदा नदी उफान पर है. तट पर बने मंदिर और घाट पानी में डूब गए हैं. बारिश और बाढ़ के कारण कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. खरमेर नदी में बाढ़ के कारण डिंडोरी मार्ग में आवागमन बाधित है. खरमेर नदी पर बने पुल पुलिया बाढ़ में डूबने के कारण अमरपुर विकासखंड जाने वाले सभी रास्ते बंद हो गये हैं. लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के कारण कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. बाढ़ बारिश को देखते हुए जिला प्रशासन ने नदियों के पास होमगार्ड और एसडीआरएफ जवानों को तैनात रहने के निर्देश दिए हैं.
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राजस्थान के जयपुर में बारिश ने लोगों का बेहाल कर दिया है. देर रात को हुई भारी बारिश से एयरपोर्ट और उसके आसपास कई फीट पानी भर गया. लोगों को आने जाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा. गांधी नगर स्टेशन पर रेल की पटरियां पानी में डूब गईं. चौमू थाने के भीतर पानी भर गया.
रामनगर के सांवल्दे गांव में नदी का पानी लोगों के घरों में घुस गया. इस वजह से एक दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों के घरों का सामान (सिलेंडर, बक्से, कपड़े, साइकिल, राशन आदि) बह गया. ग्रामीणों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई. ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
लोगों का कहना है कि उनके पास बच्चों को कुछ खिलाने तक के लिए नहीं बचा है. इस क्षेत्र में अधिकतर मजदूर रहते हैं, जो रोज मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं. इसकी जानकारी मिलने पर पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी मौके पर पहुंचे. उन्होंने लोगों से मुलाकात कर हर संभव मदद करने का भरोसा दिया. छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. जनजीवन प्रभावित हुआ है.
मौसम विज्ञानी डॉक्टर नरेश ने बताया कि कल का (बुधवार) जो हमारा मानसून टर्फ है, सरफेस पर जो एक लो प्रेशर जोन बन जाता है, उसकी नॉर्मल पोजीशन गंगानगर से लेकर कोलकाता तक होती है. मेजर मानसून एक्टिविटी की बात करें तो वो सेंट्रल पार्ट में है. अभी जो सर्कुलेशन है, वो साउथ बांग्लादेश है. उसके प्रभाव से एक लो प्रेशर बना सकता है. लो प्रेशर जैसे ही वेस्ट की तरफ मूव करते हैं, रेनफॉल एक्टिविटी काफी बढ़ जाएगी. आने वाले 2/3 दिनों में 20 सेंटीमीटर से ज्यादा हेवी रेनफॉल एक्टिविटी हो सकती है. इसीलिए मैक्सिमम राज्यों में हमारा ऑरेंज अलर्ट है. उसके बाद इसमें थोड़ी कमी आ जाएगी.
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