Mahakumbh 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार प्रयागराज में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना है, जिसे देखते हुए सरकार ने साइबर सुरक्षा के लिए कई हाईटेक कदम उठाए हैं। महाकुंभ को दिव्य, भव्य और डिजिटल बनाने की योजना के तहत साइबर अपराध रोकने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
साइबर सुरक्षा के लिए हाईटेक कदम
Mahakumbh में श्रद्धालुओं को साइबर ठगी से बचाने के लिए 56 साइबर योद्धाओं की तैनाती की गई है। पूरे मेले में एक विशेष महाकुंभ साइबर थाना स्थापित किया गया है, जहां साइबर ठगी से निपटने के लिए एक्सपर्ट मौजूद रहेंगे। प्रत्येक पुलिस थाने में साइबर हेल्प डेस्क बनाई गई है।
वैरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले और सोशल मीडिया का इस्तेमाल
श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए प्रयागराज में 80 वैरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले (VMD) लगाए गए हैं। इनके जरिए साइबर सुरक्षा से संबंधित संदेश लगातार प्रसारित किए जाएंगे। साथ ही, प्रिंट मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म, और सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, एक्स (पहले ट्विटर) और गूगल का उपयोग श्रद्धालुओं तक जानकारी पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मोबाइल साइबर टीम सक्रिय
साइबर सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जा रहा है। साइबर ठगों और स्कैमर्स की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है। अब तक 50 फर्जी वेबसाइटों की पहचान कर उन पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। श्रद्धालुओं की मदद के लिए मोबाइल साइबर टीम भी तैनात है, जो मेले के दौरान लगातार सक्रिय रहेगी।
साइबर सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन नंबर और सुझाव
श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे केवल सरकारी वेबसाइट (gov.in) का ही उपयोग करें। किसी भी समस्या या साइबर धोखाधड़ी की शिकायत के लिए 1920 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
सरकार ने फर्जी लिंक, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। साइबर ठगों के हर हथियार को नष्ट करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।