बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार (29 दिसंबर) को दिल्ली जा रहे हैं। इस दौरे के दौरान वे कुछ राजनीतिक नेताओं से मिलने की संभावना जता रहे हैं। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का परिवार और बीजेपी के नेता शामिल हैं। यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब बिहार की राजनीति में काफी हलचल मची हुई है। बीजेपी और जेडीयू के बीच तनाव की खबरें आई हैं। इसी बीच, आरजेडी ने भी नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है।
दिल्ली में मुख्यमंत्री एनडीए नेताओं से महत्वपूर्ण मुलाकात करेंगे। वह भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद एक साझा संवाददाता सम्मेलन या बयान जारी कर सकते हैं। खरमास खत्म होने के बाद, 15 जनवरी से बिहार में एनडीए के नेताओं की अलग तैयारी है, जिसकी जानकारी वह दिल्ली में दे सकते हैं। ऐसा इसलिए भी संभव है क्योंकि हाल ही में मुख्यमंत्री के चेहरे के मुद्दे पर गृह मंत्री और भाजपा के रणनीतिकार अमित शाह ने असमंजस भरा बयान दिया था। इस बयान के बाद बार-बार चर्चा होती है कि क्या मुख्यमंत्री का भाजपा से मोहभंग हो रहा है या फिर यह कि भाजपा बिहार में अपने सबसे मजबूत सहयोगी को धोखा देने जा रही है, जैसा कि महाराष्ट्र में हुआ था।