Why Unemployment In India ||अगर हम और आप आज के ज़माने की सबसे जरूरी मुद्दे को खोजे लेकिन एक शर्त हो की वो मुद्दा पुरे देसवाशिओ से जुड़ा हुआ होना चाहिए। तो आपके हिसाब से वो मुद्दा क्या होगा ? जाहिर सी बात है की वो मुद्दा रोजगार से जुड़ा होगा जाहिर सी बात है की वो मुद्दा Employmentऔर UnEmployment से जुड़ा हुआ होगा। वो मुद्दा इससे जुड़ा होगा की इस देश में रह रहे लोगो को कितना रोजगार मिलता है, और कितने लोग बेरोजगार रह जाते है। चुकि मै खुद इंजीनियरिंग से जुड़ा हुआ छात्र हु तो ये समझना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है. जब हम एक Developing Country के नागरिक होते है. और हमारे देश की जन्शंख्या पुरे विश्व में दूसरी सबसे बड़ी जन्शंख्या है मतलब की एक तरह से कह सकते जितने भी कंपनी आज पुरे विश्व में है उनके लिए सबसे बड़ा मार्केट भारत माना जाता है। तो एक सवाल उठना लाजमी हो जाता है की आखिर ये भारत सबसे बड़ा मार्केट होते हुए भी क्यों खुद इस मार्केट को प्रयोग नहीं कर पाता। जबकि वैश्वीक स्तर पर मौजूद कंपनिया फायदा उठा लेती है। और एक सवाल और आ जाता है की इस देश के युवाओ के लिए नेता बनना ज्यादा आसान हो जाता है जबकि रोजगार पाना मुश्किल ?
सबसे पहले ये समझ लीजिये की कोविद 19 के बाद बेरोजगारी में बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है ? बड़े बड़े बिजनेस मैन की हालत आज खराब है ? और सरकार की गलतिया ये रही हम आजादी के बाद से ही इस देश के युवाओ में सिर्फ पढ़कर नौकरी करने की मानसिकता भरते चले आये और आज आलम ये है की हम मास्टर डिग्री कर लेने के बाद भी बहुत से लोग इस हालत में नहीं होते की खुद का वो स्टार्टअप कर पाए।
Why Unemployment In India ? Government की कमिया क्या है ?
इस देश की हालात ये है की नेता बनने के लिए नामांकन की तिथि बिलकुल तय होती है लेकिन भर्ती कब आएगी ये किसी सरकार में तय नहीं हुआ ? नेताओ की भर्ती कब होगी इसकी तारीख फिक्स होती है लेकिन एग्जाम की तारीख आज तक तय नहीं हो पायी | यहां तक की चुनावी नतीजा कब आएगा इसकी की तारीख तय होती है लेकिन भर्ती एग्जाम का रिजल्ट कब आएगा ये आज तक किसी भी सरकार ने तिथि तय नहीं किया ? यहाँ तक की विवाद की सपथ ग्रहण का तारीख तय हो जाती है लेकिन नौकरी की नियुक्ति कब होगी ये तारीख नहीं तय हो पाता ?
कोरोना की दूसरी लहर ने बिगाड़ा जॉब मार्केट
कोरोना महामारी के बाद देशभर में लगे लॉकडाउन के बाद से भारत में जॉब मार्केट पर संकट छाया हुआ है। हालांकि मार्च 2021 तक स्थिति में सुधार था। मार्च 2021 में बेरोजगारी दर जहां 6.50 फीसदी थी, अप्रैल में यह बढ़कर 7.97, मई में 11.90 फीसदी और जून में 9.17 फीसदी थी। राज्यों की बात करें तो हरियाणा बेरोजगारी में देश में शीर्ष पर रहा। जहां अगस्त में बेरोजगारी दर 35.7 फीसदी रही। इसके बाद राजस्थान 26.7 फीसदी और झारखंड में बेरोजगारी दर 16.0 फीसदी रही।
NCRB की 2019 के आकड़े आप देखेंगे तो आपको समझ आएगा की 2019 में 1. 30 लाख लोगो ने सुसाइड किया जिसमे 11268 सुसाइड सिर्फ बेरोजगारी की वजह से थी। हर साल लगभग दो करोड़ लोग ऐसे होते हैं जो लोग वर्किंग एज पापुलेशन मतलब की 15-59 साल की वर्किंग एज पापुलेशन में शामिल हो जाते हैं। लेकिन काम तो सबको नहीं मिल पाता । और इसमें से भी बहुत से लोग काम न मिलने पर बेरोजगार रह जाते है। और जब यही बात महिलाओं के बारे में आती है तो इस समाज की सामाजिक बाधाएं और इस देश की कानून व्यवस्था की गिरती हालत की वजह से वो घर में बैठने को मजबूर हो जाती है ।
अगर ये भी काम तलाश करने आ जाएं तो बेरोजगारों की तादाद और बढ़ जाएगी। और ऐसा आज हो रहा है क्युकी महिलाये भी अब हर क्षेत्र में खुद को सफल साबित कर रही है और ये एक पॉजिटिव massage भी है। और ऐसा होने से हर साल 1.5 करोड़ बेरोजगार लोगों की नई फौज सामने खड़ी हो जाएगी। लेकिन रोजगार के सृजन के मामले में सरकार की सफलता बहुत ज्यादा सीमित है।
ये तो थी जो सच्चाई है? जो आकड़ो के आधार पर थी ?इसको हमको ज्यादा डिटेल नहीं समझेंगे क्युकी फिर इसमें हमे ये समझना होगा की अलग अलग सरकारों की बनाई हुई नीतियां बेरोजगारी को बढ़ाई या फिर घटाई ? तो अब हम वो कारण समझते है जो सरकारे कोई भी हो बेरोजगारी की मूल वजह वही रहेगी ?

अगर आप किसी बेरोजगार से पूछोगे की आप मजदूरी करोगे तो उसका न होगा ? अगर आपको उससे ये पूछोगे की आपको कोई बाइक कार या कोई ऐसा काम जो जिसमे आपकी मेहनत लगे वो काम आता है ? तो इसका भी जवाब वो न में ही देंगे ? आखिरी में उनका जवाब ये होगा की वो Btech या Mtech या फिर MA वगैरा वगैरा किया हुआ है ? इसका कारण है की ज्यादातर लोग आज मेहनत का काम न करके ऐसा काम करने की कोशिस करते है जिसमे मेहनत हो ही न ? और अपने पुरे ग्रेजुएशन और मास्टर्स की डिग्री के समय ये अय्यासी की जिंदगी जी रहे होते है ? और ऐसे ही ज्यादातर वो युवा होते है जो ग्रेजुएट होने के बाद धरना प्रदर्शन करते है ? जबकि ये उनकी व्यक्तिगत कमजोरी होती है की वो किसी भी काम में निपुड़ नहीं होते है ? और इस व्यक्तिगत कमजोरी को वो सरकार के मत्थे थोप देते है ? क्युकी कोई भी सरकार आपको 100 प्रतिशत नौकरिया नहीं दे सकती है।
आपकी जानकर हैरानी होगी की जापान और चीन के 6 साल के युवा भी इस हालात तक पहुंच जाते है की वो खुद का खर्चा चला सकते है ? जबकि हमारे देश में वो लड़का माँ और पिता के गोदी में इस मानसिकता के साथ पल रहा होता है की अभी उसकी उम्र ही क्या है ?
मेरे हिसाब से देश में बढ़ती बेरोजगारी की सबसे मुख्य जिम्मेदार गवर्नमेंट की गवर्नेंस के तरीके और मीडिया का एक तरफ झुकाओ है क्युकी इस देश का मीडिया भी सिर्फ trp के लिए एक से दूसरे सरकार पर आरोप और प्रत्यारोप लगाते रहते है ? मूल वजह कोई नहीं बताता। सरकार द्वारा बनाये गयी नीतिया इस देश में सही लागु नहीं हो पाती है क्युकी इस देश का युवा उसकी की जुगाड़ करने लगता है ? और कोशिस करता है की बिना मेहनत किये सरकार के बनाये हुए नियम का वो फायदा उठा ले। और इसी को हम करप्शन कह सकते है ? और यही करप्शन की वजह से आज देश की शिक्षा व्यवस्था इतनी खोखली हो गयी है की कई छात्रों को ग्रेजुएट हो जाने के बाद उनको ये नहीं पता होता की उन्होंने अपने पढ़ाई के दौरान किस सब्जेक्ट्स की पढ़ाई कर रखी है।
Artificial Intelligence की वजह से कैसे बढ़ेगी बेरोजगारी ?

अब आगे बढ़ते है और समझते है की Techlonological Advancement की वजह से अब क्या इस्तिथि पैदा होने वाली है ? आज हर कंपनी का मकसद है ज्यादा प्रॉफिट कमाना ,और ये तभी हो पायेगा जब काम समय में ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्शन होगा और वो सामान बिकेगा। तो इसके लिए आज हर कंपनी खुद को अर्टिफिकल इंटेलिजेंस से जोड़ रही है। इसका असर ये होता है की one टाइम में हम पैसा इन्वेस्ट करके अर्टिफिकल इंटेलिजेंस को सेटअप कर लेते है और वो उस कंपनी को कम समय में ज्यादा प्रोडक्शन भी देता है और ज्यादा इनकम भी। इसका असर उन लोगो पर होता है जो लोग दूर दराज के गाओ में रहते हुए या पैसे की कमी की वजह से डिग्रियां तो ले लेते है लेकिन हुनर नहीं सिख पाते। लेकिन बहुत दुःख की बात है इसमें वो लोग शामिल होते है जिनके पास संसाधन होते हुए भी वो कुछ नहीं कर पाते। और आपको बताऊ तो अगले 10 साल में लगभग 10 मिलियन से ज्यादा लोग पुरे विश्व में बेरोजगार हो जायेगे इस अर्टिफिकल इंटेलिजेंस की वजह से। एक example ले लीजिये। आज से सिर्फ 5 साल पहले जो लोग सिर्फ मोबाइल रिचार्ज करके और मॉल में काउंटर पर बैठ कर सिर्फ ग्राहकों से आये का हिसाब करना उनका काम काम था वो लोग आज सिर्फ paytm और फोन pay या यु कहे की digitalization की वजह से बेरोजागर हो गए है ?
ऑक्सफोर्ड के विजय जोशी अपनी किताब में लिखते हैं कि कंपनियां ज्यादा उत्पादन करने लगेंगी तो GDP जाहिर तौर पर बढ़ेगी, लेकिन अपना काम तेज करने के लिए इससे वो लेबर को मशीन से रिप्लेस करेंगी। भारत में बेरोजगारी इससे और ज्यादा ही बढ़ेगी।
labour Force participation का मतलब Unemployment में क्या होता है ?।
एक ओर जहां इंप्लॉयमेंट रेट गिरी है, वहीं दूसरी ओर लेबर फोर्स की पार्टिसिपेशन दर मामूली रूप से बढ़ी है। यह इस बात का संकेत है कि नौकरी पाने के इच्छुक लोगों की संख्या में इजाफा है। CMIE का मासिक डाटा दर्शाता है कि 3.6 करोड़ लोग काम की तलाश में हैं, जुलाई में यह आंकड़ा 3 करोड़ था। इसका मतलब की लोग खुद का स्टार्टअप करने की बजाये सिर्फ सिर्फ नौकरी के पीछे भागते है ?
IItians Group D में करते है नौकरी
आपने देखा होगा की ग्रुप डी के Recruitment में IIT Bombay graduate लोग पार्टिसिपेट करते है क्युकी उन्हें ‘job safety’ चाहिए होती है। हालाँकि ये एक अलग विषय है ? लेकिन इस job safety का भी एक बहुत बड़ा विषय है जिससे बड़े बड़े कॉर्पोरेट कंपनी नुकसान झेलती है। ऐसे लोग जो इतने पड़े हुए होते है उन लोग के बेरोजगार होने का एक और कारण है की वो iit जैसे इंस्टिट्यूट से पढ़कर ग्रुप डी कर अलग अलग तरह की नौकरियों के लिए अप्लाई करते है। इसीलिए इनके पास एलिजिबिलिटी होते हुए भी बड़े बड़े कॉर्पोरेट कंपनी इनको जॉब नहीं देते क्युकी इनके पास योग्यता होते हुए भी ये दूसरी जगह अप्लाई करते रहते है जिससे इन कॉर्पोरेट कम्पनीओ को डर होता है की कही किसी पोजेक्ट को छोड़कर ही ये बिच में न चले जाए।
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Solution of Unemployment
आखिर इतनी सारी प्रोब्लेम्स का solution क्या है ? आज कई इटरनेशनल सर्वे ये दावा करते है की भारत में यूथ की कमी नहीं है कमी है तो सिर्फ skilled Youth की। आज हर कम्पनिया ये चाहती है की उनका एम्प्लॉय talented हो। Innovative हो। Creative Mind Set का हो। Dedicated हो। Actionable हो। और आखिरी में जरूरत पड़ने पर एक team Leader या player भी हो। determination भी हो उसके अंदर,और ये सारी चीजे की आज कमी है इस देश के युवाओ में।
जहां विदेशो में कम्पनिया 12 घंटे की जॉब कराती है वही भारत में लोग 8 घंटे की जॉब में परेशान हो जाते है क्युकी वो किसी काम में स्किल्ड नहीं होते। और इसीलिए वो मजबूर होते है की वो वो काम करे जिसमे उनका मन नहीं लगता है। इससे कंपनी और युथ के लाइफ दोनों पर सीधा असर पड़ता है। तो पहली चीज की हम स्किल्ड हो कम से कम एक ऐसे काम में जिसको लेके हम स्टार्टअप भी कर पाए और जॉब भी।दूसरा सुधार जो सरकार कर सकती है की की नीतिया ऐसे बनाये की स्कूल और collage चाह कर भी छात्रों की जिंदगी के साथ खेल न पाए। और इस बात का भी खास ध्यान रखे इंजीनियरिंग collage में प्रॉपर मशीन हो और उप ग्रेडेड हो।
तीसरा ये की हम हर छात्र को इस तरीके से तैयार करे की वो हायर एजुकेशन को करने के बाद नौकरी की कम और खुद का स्टार्टअप करने की मानसिकता बनाये। इसमें सरकार का भी और collage का भी बहुत बड़ा रोल होता है की वो फाइनेंसियल कमजोर बच्चो को भी फाइनेंस करे ताकि अगर उसके पास कोई बढ़िया तरीका है वो भी स्टार्टअप कर सके।
आखिरी तरीका है की हम इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हर स्टूडनेटस को ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी से जुड़े रहने के लिए प्रेरित करे। और समय समय पर इंड्रस्ट्रियल विजिट को भी कराये। जिससे हमारे जैसे कई छात्रों को इस क्षेत्र में बेहतर काम करने की प्रेणना और सिख मिलती रहे।
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I have completed my three years Diploma in Electronics Engineering from Government Polytechnic College, Shahjahanpur . i completed my BTech degress in Electronic And Communication Engineering from SCRIET, CCS University, Meerut. Since three years I started generating interest in video content on social media site YouTube to aware public on social affairs and current affairs, therefore I created my YouTube channel TTH News. After one year, in April 2020, I started a web portal named TTHNews.com. Which is now widely read by a large number of audiences.
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